न्यूक्लियर एनर्जी पर बंटे मतदाता: वोट कम्पास डेटा में खुलासा, मतभेद बढ़ते नजर आ रहे हैं

न्यूक्लियर एनर्जी पर बंटे मतदाता: वोट कम्पास डेटा में खुलासा, मतभेद बढ़ते नजर आ रहे हैं

मेलबर्न/सिडनी | 12 अप्रैल 2025

जैसे-जैसे ऑस्ट्रेलिया आगामी आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है, ऊर्जा नीति देश में एक गर्म मुद्दा बनती जा रही है। विपक्षी गठबंधन (Coalition) द्वारा प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट्स की योजना पर मतदाताओं की राय स्पष्ट रूप से बंटी हुई है। ABC के वोट कम्पास (Vote Compass) डेटा के अनुसार, एक बड़ा हिस्सा मतदाताओं का न्यूक्लियर पावर के खिलाफ है, जबकि कुछ इसे ऊर्जा भविष्य के लिए जरूरी मान रहे हैं।

वोट कम्पास के आंकड़े क्या कहते हैं?

ABC के वोट कम्पास सर्वे में भाग लेने वाले लगभग 47 प्रतिशत लोगों ने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के निर्माण का विरोध किया, जबकि 38 प्रतिशत ने इसका समर्थन किया। यह डेटा 2.7 लाख से अधिक लोगों के उत्तरों पर आधारित है और जनसांख्यिकीय संतुलन को ध्यान में रखकर विश्लेषण किया गया है।

पर्थ की रहने वाली गैब्रिएल मैडॉक ने बताया, “न्यूक्लियर एनर्जी न तो पर्यावरण के लिए बेहतर है, न ही आर्थिक रूप से व्यावहारिक। इसमें सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताएं हैं।”

राजनीतिक रेखाओं पर बंटे विचार

विचारधारा के आधार पर मतदाताओं की राय स्पष्ट विभाजित दिख रही है:

  • 44% Coalition समर्थकों ने न्यूक्लियर पावर का समर्थन किया।

  • जबकि Labor, Greens और Independents के समर्थकों में यह समर्थन बहुत कम (क्रमशः 5%, 4% और 7%) है।

  • महिलाओं में विरोध अधिक देखा गया, जहां लगभग 42% महिलाओं ने असहमति जताई, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 29% रहा।

क्या बदल रहा है ऑस्ट्रेलिया का रुख?

हालांकि ऐतिहासिक रूप से ऑस्ट्रेलिया ने न्यूक्लियर एनर्जी के प्रति सतर्क रुख अपनाया है, लेकिन समय के साथ सोच में बदलाव देखा जा रहा है। Lowy Institute के 2024 के सर्वे के अनुसार, 61% ऑस्ट्रेलियाई अब न्यूक्लियर एनर्जी को देश की ऊर्जा नीति में एक विकल्प के रूप में देखते हैं। 2011 में फुकुशिमा हादसे के बाद यह आंकड़ा 62% विरोध के पक्ष में था।

Lowy Institute के रायन नीलम का कहना है, “तकनीक में बदलाव और जलवायु संकट की गंभीरता ने न्यूक्लियर पावर के प्रति नजरिया बदल दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वास्तव में व्यावसायिक और पर्यावरणीय रूप से व्यावहारिक समाधान है?”

दोनों प्रमुख दलों की रणनीति

  • Coalition का लक्ष्य है कि 2050 तक ऑस्ट्रेलिया की 38% बिजली न्यूक्लियर से आए, 54% रिन्यूएबल स्रोतों से और 8% गैस व स्टोरेज से।

  • वहीं Labor का लक्ष्य है कि 2030 तक ग्रिड में 82% बिजली रिन्यूएबल स्रोतों से आए और 2050 तक पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित हो।

मतदाताओं की प्रतिक्रियाएं

  • गैब्रिएल मैडॉक का कहना है कि न्यूक्लियर एनर्जी के चलते शॉर्ट टर्म में कार्बन उत्सर्जन बढ़ सकता है और न्यूक्लियर वेस्ट को लेकर भी गंभीर चुनौतियां हैं।

  • वहीं, NSW के कसीनो निवासी रूबेन फ्रेजर ने कहा, “मैं सिर्फ न्यूक्लियर पावर के मुद्दे पर Coalition को वोट दूंगा। अगर वो इसे गंभीरता से लागू करते हैं, तभी मेरा समर्थन बना रहेगा।”

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, न्यूक्लियर बनाम रिन्यूएबल एनर्जी की बहस ऑस्ट्रेलिया की राजनीति का केंद्र बनती जा रही है। अब देखना यह होगा कि मतदाता किस नीति को अपना समर्थन देते हैं — पारंपरिक न्यूक्लियर ऊर्जा या आधुनिक नवीकरणीय विकल्पों को।