भारतीय वायुसेना ने युद्धकालीन तैयारियों का दमखम दिखाते हुए गंगा एक्सप्रेसवे पर ऐतिहासिक अभ्यास किया, जिसमें पहली बार रात में फाइटर जेट्स की लैंडिंग और टेक-ऑफ किया गया। इस हाई-प्रोफाइल ड्रिल में राफेल, सुखोई-30 एमकेआई और जगुआर जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बनाए गए गंगा एक्सप्रेसवे के विशेष एयरस्ट्रिप सेक्शन को अस्थायी रनवे में तब्दील किया गया था। यह अभ्यास भारत में अपनी तरह की पहली नाइट लैंडिंग ड्रिल है, जिसमें अंधेरे में रनवे लाइट्स की सहायता से फाइटर जेट्स को सफलतापूर्वक लैंड और टेक ऑफ करते हुए देखा गया।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस अभियान का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में हाईवे रनवे के रूप में एक्सप्रेसवे के उपयोग की संभावनाओं को परखना था। यह अभ्यास न केवल तकनीकी लिहाज से महत्वपूर्ण था, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी यह दर्शाता है कि भारत किसी भी युद्ध परिस्थिति से निपटने के लिए हर मोर्चे पर तैयार है।
मुख्य विशेषताएं:
पहली बार देश में किसी एक्सप्रेसवे पर रात में लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ।
राफेल, सुखोई और जगुआर विमानों ने दिखाई ताकत।
गंगा एक्सप्रेसवे पर 3.2 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप का उपयोग।
ऑपरेशन की निगरानी वरिष्ठ वायुसेना अधिकारियों और यूपी प्रशासन ने की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक अभ्यास पर वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि, “यह भारत की सैन्य क्षमता और यूपी की अधोसंरचना की ताकत का सशक्त उदाहरण है।”
इस तरह के अभ्यास भविष्य में देश की रक्षा रणनीतियों में एक्सप्रेसवे और हाईवे की भूमिका को और मजबूती प्रदान करेंगे।