नई दिल्ली, 11 जून 2025
एप्पल द्वारा जारी एक विस्फोटक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक अब भी कई "मौलिक सीमाओं" से जूझ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई पीढ़ी के बड़े रीज़निंग मॉडल (reasoning models) जटिल कार्यों के सामने "पूरी तरह से विफल" हो जाते हैं, जिससे एआई की वास्तविक क्षमता पर गंभीर सवाल उठे हैं।
रिपोर्ट का सार
एप्पल के शोधकर्ताओं ने DeepSeek और Claude जैसे आधुनिक एआई प्लेटफॉर्म्स के पीछे काम कर रहे बड़े रीज़निंग मॉडल्स को एक श्रृंखला आधारित तर्कपूर्ण चुनौतियों से गुजराया। इन परीक्षणों में सरल से लेकर अत्यंत जटिल प्रश्न शामिल थे। परिणामस्वरूप, इन एआई मॉडल्स की सीमित समझ और जटिल निर्णय लेने में अक्षमता सामने आई।
वहीं, ChatGPT जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आधारित बड़े लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन जैसे ही सवालों की जटिलता बढ़ी, इनके भी जवाब देने की क्षमता में गिरावट देखी गई।
क्या अभी सुरक्षित हैं इंसानी नौकरियां?
इस शोध ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि एआई फिलहाल उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है जहां वह मानव श्रम की पूर्ण जगह ले सके। रिपोर्ट में कहा गया कि तर्कशक्ति, संवेदनशीलता और निर्णय लेने की क्षमता जैसी मानवीय खूबियां अब भी एआई की पहुंच से दूर हैं।
विशेषज्ञों की राय
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की साइबरनेटिक्स विशेषज्ञ डॉ. जेसामी पेरियम ने कहा, “एआई की आज की क्षमता केवल एक भ्रम पैदा कर सकती है, सच्ची समझ और गहराई अब भी इंसान के पास ही है।”
निष्कर्ष
रिपोर्ट का यह निष्कर्ष तकनीक की दुनिया में निवेश कर रही कंपनियों और आम लोगों दोनों के लिए एक चेतावनी है: एआई भले ही तेज़ी से आगे बढ़ रहा हो, लेकिन इसकी विश्वसनीयता और वास्तविक उपयोगिता पर अब भी संशय बना हुआ है।
जब तक AI तर्क, भावनाएं और जटिल मानव व्यवहारों को सही ढंग से समझना नहीं सीख लेता, तब तक आपकी नौकरी सुरक्षित है — कम से कम अभी के लिए।