सिडनी:
एक लोकप्रिय एनआरएल (नेशनल रग्बी लीग) प्रस्तोता, जो हाल ही में एक अश्लील और फर्जी एआई-जनरेटेड डीपफेक वीडियो का शिकार बनी, ने इस अमानवीय हरकत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार से तुरंत कानून में बदलाव की मांग की है। पीड़िता ने इसे “गहराई से अपमानजनक और भयावह अनुभव” बताया।
इस घटना ने सोशल मीडिया और मीडिया जगत में हलचल मचा दी है, जहां कई प्रमुख हस्तियों और महिला पत्रकारों ने डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें दिखने वाली छवि पूरी तरह नकली थी, लेकिन उसे वास्तविक बताने की कोशिश की गई।
प्रस्तोता ने कहा, "यह सिर्फ मेरी निजता पर हमला नहीं है, बल्कि महिलाओं के खिलाफ तकनीकी हिंसा का एक नया और खतरनाक रूप है।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि मौजूदा कानून इस तरह की तकनीक से उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए अपर्याप्त हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह डीपफेक बनाने और प्रसारित करने को आपराधिक कृत्य घोषित करे।
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया को डिजिटल युग की चुनौतियों से निपटने के लिए कड़े साइबर कानूनों की ज़रूरत है, विशेषकर जब एआई तकनीक का दुरुपयोग वास्तविक लोगों की छवि और प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए किया जा रहा हो।
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बढ़ते जन दबाव के चलते संसद में इस मुद्दे पर जल्द बहस की उम्मीद है।
यह मामला न सिर्फ निजता के अधिकार की रक्षा का सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तकनीकी प्रगति के साथ समाज को भी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ना होगा।