सिडनी, 16 जून 2025
इज़रायल और ईरान के बीच संभावित परमाणु युद्ध के खतरे के बीच ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक असर महसूस किया जाने लगा है। ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस ने सोमवार को कहा कि इस टकराव का आर्थिक असर “अपरिहार्य” है और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को आने वाले दिनों में ईंधन के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।
बीते 48 घंटों में इज़रायल और ईरान के बीच टकराव और हिंसक हो गया है। इज़रायली वायुसेना ने ईरान के कई प्रमुख तेल और गैस प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, जिससे राजधानी तेहरान सहित कई इलाकों में भयंकर आग लग गई। वहीं ईरान ने जवाबी हमले में इज़रायल के हाइफ़ा बंदरगाह और दक्षिणी इलाकों के रिहायशी क्षेत्रों पर मिसाइलें दागीं हैं।
रिचर्ड मार्लेस ने ABC को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “ऑस्ट्रेलिया इस संकट को लेकर बेहद चिंतित है। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक वार्ता शुरू करने की अपील करते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑस्ट्रेलिया अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों के साथ मिलकर इस युद्ध को टालने की वैश्विक अपील में शामिल है।
ईंधन बाजार पर इसका प्रभाव साफ दिखने लगा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत रविवार शाम 4 प्रतिशत बढ़कर 77 अमेरिकी डॉलर (118 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर) प्रति बैरल हो गई, जबकि शुक्रवार को यह पहले ही 8 प्रतिशत की तेजी दर्ज कर चुका था। यह वृद्धि पिछले तीन वर्षों में सबसे बड़ी बताई जा रही है।
कमसेक के विश्लेषक टॉम पिओत्रोवस्की के अनुसार, “तेल की कीमतों में यह उछाल सीधे तौर पर मध्य पूर्व की अनिश्चितता और संभावित युद्ध के खतरे का नतीजा है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह युद्ध और गहराया, तो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे ऑस्ट्रेलिया में न केवल ईंधन बल्कि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में भी भारी इज़ाफा हो सकता है।
सरकार ने फिलहाल स्थिति पर करीबी नजर बनाए रखी है और कहा है कि वह आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है, लेकिन फिलहाल सबसे बड़ी जरूरत सभी पक्षों द्वारा संयम और संवाद की है।