अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी अप्रत्याशित राजनीतिक शैली का प्रदर्शन करते हुए इटली में चल रहे G7 शिखर सम्मेलन से अचानक प्रस्थान कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि ट्रंप का यह फैसला उस अहम मुलाकात से ठीक पहले लिया गया, जो ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ के साथ निर्धारित थी।
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप समिट के अंतिम सत्र में भाग नहीं लिया और उनके विमान ने निर्धारित समय से कई घंटे पहले उड़ान भर ली। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक कूटनीतिक अपमान के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसे रणनीतिक साझेदार के लिए।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल को यह उम्मीद थी कि दोनों देशों के बीच Indo-Pacific क्षेत्र में रक्षा सहयोग, व्यापारिक समझौतों और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर गंभीर बातचीत होगी। लेकिन ट्रंप की गैरमौजूदगी से यह संभावना धरी की धरी रह गई।
व्हाइट हाउस की ओर से केवल संक्षिप्त बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि "राष्ट्रपति ट्रंप की वापसी में बदलाव सुरक्षा और आंतरिक कार्यक्रमों की प्राथमिकताओं के चलते किया गया है।" लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम ट्रंप की आक्रामक विदेश नीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें वह केवल उन्हीं नेताओं से मिलते हैं जिन्हें वह राजनीतिक रूप से लाभकारी मानते हैं।
उधर, प्रधानमंत्री अल्बनीज़ ने सार्वजनिक तौर पर इस विषय पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन उनके प्रवक्ता ने इस मुलाकात के टलने को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के साथ संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह घटना वैश्विक कूटनीति में अमेरिका की भूमिका और राष्ट्रपति ट्रंप के रुख पर एक बार फिर सवाल उठाती है, खासकर ऐसे समय में जब विश्व बड़े भू-राजनीतिक संकटों से जूझ रहा है।